हम्मूराबी
हम्मूराबी
लेखक:- डॉ एस एल नागौरी
पुस्तक:- विश्व की प्राचीन सभ्यताएं
प्रकाशक:- श्री सरस्वती सदन
प्रकाशन वर्ष:- 2009
प्रकाशन स्थल:- नई दिल्ली
पृष्ठ संख्या:- 53
हम्मूराबी एक महान विजेता था। उसने सुमेर, अक्काद, एलम तथा असीरिया पर विजय प्राप्त की। वह एक कुशल शासक तथा प्रबंधक था। उसने अपने विशाल साम्राज्य में सुदृढ़ शासन-प्रबंध की स्थापना की। वह एक महान विधान निर्माता था। उसकी विधि संहिता ने उसे अमर बना दिया। वह गरीबों तथा कर्जदारों का मसीहा था। उसके द्वारा स्थापित सुदृढ़ शासन व न्याय व्यवस्था सैकड़ों वर्षो तक राजाओं का मार्गदर्शन करती रही।
जब हम दुनिया की प्राचीन सभ्यताओं का अध्ययन करते हैं, तो मेसोपोटामिया की सभ्यता हमारे सामने सबसे प्राचीन एवं व्यापार की दृष्टि से सबसे प्रमुख सभ्यता का उदाहरण पेश करती है। क्या आप लोग जानते हैं, कि मेसोपोटामिया की सभ्यता तीन सभ्यताओं से मिलकर बनी थी:-
हम्मूराबी बेबीलोन की सभ्यता के एक बहुत प्रसिद्ध राजा हुए हैं। आपने बेबीलोन की विधि सहिंता के बारे में तो सुना ही होगा, जिसको वहां के प्रसिद्ध राजा हम्मूराबी ने तैयार करवाया था। उस विधि सहिंता पर आज तक रिसर्च होती रहती है। यदि आप लोग प्राचीन सभ्यताओं अथवा कानून संहिता ओं पर रिसर्च कर रहे हैं तो उपरोक्त पुस्तकों को पढ़ सकते है।
नोट:- अक्सर ऐसा देखा गया है, कि किसी भी सूचना के प्राथमिक एवं द्वितीय स्त्रोतों साथ कम या ज्यादा छेड़छाड़ होने की संभावना रही है। वैसे स्त्रोतों में उपलब्ध कराई गई जानकारी लेखक के स्वयं के विचार भी हो सकते हैं अथवा तत्कालीन समय की सच्चाई भी, यह पता लगाना भी शोधार्थी का कार्य है। यह प्रत्येक शोधार्थी का कर्तव्य है, कि वह किसी भी स्त्रोत का प्रयोग करने से पहले उसकी बाह्य एवं आंतरिक आलोचना की प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही यह समझने का प्रयास करें, कि वह जिस स्त्रोत का प्रयोग अपने शोध हेतु कर रहा है क्या वह सत्य है।
सामान्यत: ऐसा देखा गया है, कि मूल स्त्रोतों के साथ छेड़छाड़ कर दी जाती है/थी (उदाहरण के तौर पर ऋग्वेद में दसवां मंडल बाद में जोड़ा गया। ऐसा कुछ शोधार्थी एवं विद्वानों के द्वारा कहा जाता है)। ऐसा जानना इसलिए आवश्यक है, ताकि भविष्य के अनुसंधानकर्ताओं का बहुमूल्य समय व्यर्थ होने से बचाया जा सके।
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