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खंग यओवेई

खंग यओवेई

लेखक:- केटीएस सराओ
पुस्तक:- आधुनिक चीन का इतिहास
प्रकाशक:-
प्रकाशन वर्ष:- 2015
प्रकाशन स्थल:- दिल्ली
पृष्ठ संख्या:- 122

खंग यओवेई

कुआंगतुंग के बुद्धिजीवी खंग यओवेई को आधुनिक संत भी कहा जाता है। उन्होंने छः वर्षों तक चीन का भ्रमण किया। वह संधि बंदरगाहों में विदेशियों की व्यवस्था से बहुत प्रभावित हुए। विदेशियों के पश्चिमी ज्ञान से उन्हें प्राचीन ग्रंथों को नई पृष्ठभूमि में समझने तथा कन्फ्यूशियस वाद को नया अर्थ देने में सहायता मिली।

खंग यओवेई

खंग यओवेई चीन के एक प्रसिद्ध संत हुए, जिनसे अधिकांश चीनी जनता प्रभावित एवं प्रेरित हुई। इन्होंने चीन के अंदर कन्फ्यूशियसवाद का प्रचार और प्रसार किया। कन्फ्यूशियसवाद प्रकृतिवाद में विश्वास करता था। कन्फ्यूशियस के विचारों ने चीन के अंदर की क्रांति को और भी बढ़ा दिया।

चीन के बारे में पढ़ने और रिसर्च करने के लिए यह पुस्तक आपके लिए महत्वपूर्ण है। कन्फ्यूशियसवाद को समझने के लिए भी यह पुस्तक आप पढ़ सकते हैं।

नोट:- अक्सर ऐसा देखा गया है, कि किसी भी सूचना के प्राथमिक एवं द्वितीय स्त्रोतों साथ कम या ज्यादा छेड़छाड़ होने की संभावना रही है। वैसे स्त्रोतों में उपलब्ध कराई गई जानकारी लेखक के स्वयं के विचार भी हो सकते हैं अथवा तत्कालीन समय की सच्चाई भी, यह पता लगाना भी शोधार्थी का कार्य है। यह प्रत्येक शोधार्थी का कर्तव्य है, कि वह किसी भी स्त्रोत का प्रयोग करने से पहले उसकी बाह्य एवं आंतरिक आलोचना की प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही यह समझने का प्रयास करें, कि वह जिस स्त्रोत का प्रयोग अपने शोध हेतु कर रहा है क्या वह सत्य है।

सामान्यत: ऐसा देखा गया है, कि मूल स्त्रोतों के साथ छेड़छाड़ कर दी जाती है/थी (उदाहरण के तौर पर ऋग्वेद में दसवां मंडल बाद में जोड़ा गया। ऐसा कुछ शोधार्थी एवं विद्वानों के द्वारा कहा जाता है)। ऐसा जानना इसलिए आवश्यक है, ताकि भविष्य के अनुसंधानकर्ताओं का बहुमूल्य समय व्यर्थ होने से बचाया जा सके।

ब्राह्मी लिपि

ब्राह्मी लिपि लेखक:- डी. एन. झा पुस्तक:- प्राचीन भारत: एक रूपरेखा प्रकाशक:- मनोहर पब्लिशर्स एंड डिसटीब्यूटर्स प्रकाशन वर्ष:- 1997 प्रकाशन स्...

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